


ईरान और इजरायल के बीच जारी जंग में बड़ी खबर सामने आ रही है। रिपोर्ट है कि अमेरिका ने अपने बी-2 स्टील्थ बॉम्बर्सको हिंद महासागर में स्थिति द्वीप डिएगो गार्सिया एयरबेस के लिए रवाना कर दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक बी-2 बॉम्बर्स के साथ 8 एयरफोर्स टैंकर्स भी हैं, जो इसमें हवा में ईंधन भरने के लिए हैं। अमेरिका के मिसौरी स्थित व्हाइटमैन एयर फोर्स बेस से B-2 स्पिरिट स्टेल्थ बॉम्बर्स ने उड़ान भरी है और वे हिंद महासागर में स्थित डिएगो गार्सिया एयरबेस की तरफ जा रहे हैं। इनके साथ आठ KC-135 ईंधन भरने वाले टैंकर विमानों का दल भी रवाना हुआ है। यह मिशन सामान्य बॉम्बर रोटेशन से हटकर एक स्पेशल स्ट्रैटजिक संकेत देता है।
फोर्डो यूरेनियम संवर्धन केंद्र, ईरान की सबसे सुरक्षित न्यूक्लियर स्थलों में से एक है। इसे ईरान का परमाणु किला भी कहा जाता है, जो एक पहाड़ी पर स्थित है। यह गहराई में बनी सुरंगों और चट्टानों के भीतर स्थित है, जिसे पारंपरिक बमों से तबाह करना लगभग असंभव है। कहा जाता है कि इसे सिर्फ अमेरिकी Massive Ordnance Penetrator (MOP) बम ही तबाह कर सकते हैं। वो भी सिर्फ एक बम नहीं, बल्कि कई बम गिराने होंगे, जिसे बी-2 बॉम्बर्स या बी-52 बॉम्बर्स से गिराया जा सकता है। बी-52 बॉम्बर्स में स्टील्थ क्षमता नहीं है, जिससे एक डर है कि ईरान उसे हवा में मार गिरा सकता है, जबकि बी-2 में स्टील्थ क्षमता है, जिसे ईरानी डिफेंस सिस्टम ट्रैक नहीं कर सकते हैं, इसीलिए बी-2 बॉम्बर को भेजे जाने की रिपोर्ट है।